Monday, November 10, 2014

एक बार रोहतक की पुलिस ने शहर के मुख्य चौराहो पर सी सी टीवी कैमरे लगवा दिए। लेकिन रोहतक के आदमी भी कसूते होते है  उन्होंने इन कैमरा का भी कसुता फायदा उठाना शुरू कर दिया। एक ताऊ ने पुलिस कंट्रोल रूम में फोन किया की भाई थारे कैमरे ठीक काम कर रहे है ? पुलिस  कंट्रोल रूम : जी जनाब।                                   ताऊ : DLF वाली गली भी नजर आव सै    
              पुलिस कंट्रोल रूम ( P. C. R. ) : जी जनाब
         ताऊ  : - भाई  बीकानेर  मिस्ठान  भण्डार भी  नजर ऑव सै
   P.C.R:- जी जनाब ,लेकिन क्या बात है ?वहां कोई झगड़ा हो गया है क्या ?
 ताऊ :- ना रै बावले तू बस नु देखकर बता दे अक गरम गरम जलेबी तैयार हो गई के ?

Sunday, July 27, 2014

sher ko swa sher

 एक हरयाणवी ताऊ रेल में बैठकर  एक बार कहीं जा रहा था और उसके पैर थकावट की वजह से दर्द कर रहे थे।  रेल के अंदर एक छोरा घणा बोल रहा था ,वो किसी की भी बात को ऊपर ना आने दे रहा था। ताऊ ने सोचा यो छोरा तो टीकन कोना दे इसको तो चुप करवाना पड़ेगा। ताऊ बोल्या रै छोरे जै तू इसा समझदार सै तो मेरे सवालों का जवाब दे अगर तू कही ठीक जवाब  नहीं दे पाया तो तुझे सारे रास्ते मेरे पैर दबाने पड़ेंगे। छोरा अपने आप को घना बुद्धिमान मानता था ,वो एकदम बोल्या मुझे मंजूर है। ताऊ बोल्या तो बता मै एक बार हवाई जहाज में बैठकर कही जा रहा था और उसके अंदर 50 ईंट  थी ,मैंने एक ईंट नीचे गिरा दी बाकी कितनी बची ? छोरा बोल्या : 49  ,ताऊ : तीन चरणों में बताओ कि हाथी को फ्रिज में कैसे रखा जाए ?   छोरा : 1.  फ्रिज खोलिए 2. हाथी को उसमें रखिए और 3. फ्रिज को बंद कर दीजिये।  ताऊ : अब चार चरणो में बताओ कि हिरण को फ्रिज में कैसे रखा जाए ? छोरा : 1 . फ्रिज  खोलिए 2 . हाथी को बाहर निकालिये 3 . हिरण को अंदर रखिये 4. फ्रिज बंद कर दीजिये।  ताऊ : आज जंगल में शेर का जन्म दिन मनाया जा रहा है ,वहा एक को छोड़कर सब मौजूद है ,बताओ कौन नहीं पंहुचा ? छोरा  : हिरन ,क्योकि वह फ्रिज में बंद है। ताऊ : बताओ ,एक बूढ़ी औरत मगरमच्छो से भरे तालाब को कैसे पार कर सकती है ? छोरा : आसानी से ,क्योंकि सारे मगरमच्छ तो शेर की पार्टी में गए हैं। ताऊ : अच्छा बेटा अगर तू यो आखरी सवाल बता देगा तो तू जीत जायेगा , वह बूढ़ी औरत मर कैसे गई ? छोरा : लगता  है तालाब में गिर गई होगी …  ताऊ : अरै मुर्ख उसके सिर में ईंट लगी थी जो मैने हवाई जहाज से नीचे फेंकी थी ....... ताऊ: आजा बेटा इब पैर दबाने शुरू कर दे। 

Monday, March 17, 2014

Kanjus Baniya

एक बनिया था बड़ा कंजूस
चाय में गिरी मक्खी को भी वो लेता था चूस
कंजूस था वो इतना चौखा
हर डील में वो बचाना चाहता था एक खोखा
चाहे देना पड़े उसे  कोई भी  धोखा
वो ढूँढता रहता था सदैव कोई मौका

पत्नी उसकी पड़ गई बीमार बहुत एक बार
बचने का नहीं था उसको ,उसका एतबार
वो उसके इलाज पर नहीं करना चाहता था बिल्कुल भी खर्चा
इसलिए वो ढूंढ रहा था डाक्टर का कोई पुराना पर्चा
अंत में जब नहीं रही उसके बचने कि आश
     वो आया अपनी पत्नी के पास 
और बोला जा रहा हूँ डाक्टर के पास
मगर जाते जाते तू मत कर जाना एक चूक
अगर तुझे लगे नहीं बचेगी तो इस जलती मोमबती को मार देना फूँक  

Pakka Dukandar

एक बार  दो दोस्त बेरोजगार थे। उन दोनों ने फैसला किया कि अपनी ही दुकान खोलते है। एक नै तेल की और दूसरे नै किरयाने की दुकान खोल ली। कई दिन बीत गये दोनों कि दुकान पर कोई भी गाहक ना आया तो वो आपस मै बतलाए कि तू मेरी दुकान पै गाहक बण कै आ और मै तेरी दुकान पै। पहले तेल की दुकान वाला किरयाने कि दुकान पै आकै बोल्या सेठ जी एक बोतल गुड़ दियो ,दूसरा बोल्या यार तन्नै मांगना भी नहीं आता
 तू ठीक तरिया  मांग। वो थोड़ी देर में फिर आया और बोल्या सेठ जी एक किलो गुड देना बोतल में। दूसरा बोल्या तू छोड़ अब की बार मै गाहक बण कै आयुंगा। दूसरा आकै उसको बोल्या सेठ जी एक किलो गुड देना ,तेल कि दुकान वाला जो अब किरयाने की दुकान पर बैठा था बोल्या :बोतल लाया सै 

Sunday, March 9, 2014

Bhaichara

एक शराबी रोज ठेके पर दारु पीवण जाया करता। वो ठेके पर जाकर तीन गिलास मांगता और तीनो गिलासों में दारु डालकर पीता ,एक दिन ठेके आले ने उस्तै पूछ्या कि तू शराब पीण तई तीन गिलास क्यूँ लिया  करै। शराबी बोल्या :हम तीन भाई सां और म्हारा आपसी प्यार  बहुत ज्यादा  सै।  जब मै तीन गिलासों में दारु घाल कर पीता हूँ तो ऐसा लगता है कि हम तीनो भाई इक्क्ठे बैठ कर दारु पीण लागरे सां। एक दिन शराबी ने जब दो गिलास मांगे तो ठेके आला उससे पुछण लाग्या  के बात भाई घर में सब ठीकठाक तो है ,शराबी बोल्या :भाई कती  सब ठीकठाक ,पर बात ईसी सै मन्नै तो दारु पीनी दी छोड़ और इन दो गिलासों में तो मेरे वो दो भाई पीण लागरे सै। वे दोनों पक्के बेवड़े सै ,वे दारु ना छोड़ सकते। 

Sunday, February 23, 2014

Molad ki Yari

एक बार एक  छोरे के कपड़ो में आग लग गयी। आग बुझावण खातिर वो नहर की तरफ भाज लिया ,वहा नहर पै उसका दोस्त खड़ा था। वो उसके कपड़ो में लागग्यी आग नै देख कै बोल्या :अरै एक बै रुकिए ,जिसके कपड़ो में आग लागरी थी वो कोन्या रुक्या और नहर में कूद गया। जब उसकी आग भुझ गई तो वो बाहर लिकड़ा और अपने दोस्त तै बोल्या :तू ईब बता मन्नै क्यूँ रोकै था ?वो बोल्या : ईब के बताऊ,काम तो उसी वक्त था। वो बोल्या फेर भी बता तै सई। उसका पक्का दोस्त बोल्या जब तेरे कपड़ा मैं आग लागरी थी मन्नै उस आग तै अपनी बीड़ी सुलगानी थी।   
एक  बार घणा  मोटा आदमी था। वो बस स्टैण्ड पर तै रिक्सा करण लागग्या। रिक्सा आले तै पुछण लागग्या : भाई पटेल नगर का के भाड़ा लेगा ?रिक्सा आले ने उसको ऊपर से निच्चे ताई देक्खा और बोला दो रूपये किलो से कम ना लूंगा। 

Tuesday, February 18, 2014

Himamte Marda ,Madade Khuda

विल्मा रुडोल्फ का जन्म टेनेसेसी  के एक गरीब परिवार में हुआ था। चार साल की आयु में उसे डबल निमोनिया और दिमागी बुखार ने उसे गम्भीर रूप से बीमार कर दिया। इस वजह से उसके पैरों को लकवा मार गया। वह पैरों को सहारा देने के लिए ब्रेस पहना करती थी। DOCTORS ने तो यहाँ तक कह डाला कि वह जिंदगी भर चल -फिर नहीं सकेगी। लेकिन विल्मा की माँ ने उसकी हिम्मत बढ़ाई और कहा कि भगवान की दी  हुई क्षमता,मेहनत और लगन से वह जो चाहे कर सकती है। यह सुनकर विल्मा रुडोल्फ ने कहा कि वह इस दुनिया की सबसे तेज धाविका बनना चाहती है। नौ साल की आयु में DOCTORS के मना करने के बावजूद विल्मा ने ब्रेस को उतारकर पहला कदम उठाया ,जबकि DOCTORS ने कहा था कि वह कभी चल नहीं पायेगी।
13 साल की  होने पर उसने अपनी पहली दौड़ प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और सबसे पीछे रही। उसके बाद वह दूसरी ,तीसरी,चौथी दौड़ प्रतियोगिताओ में हिस्सा लेती रही और हमेशा आखिरी स्थान पर आती रही। यह सिलसिला तब तक चलता रहा जब तक वह प्रथम स्थान पर नहीं आ गई।
             15 साल की उम्र में विल्मा रुडोल्फ नेसी स्टेट यूनिवर्सिटी गई ,जहाँ वह एड टेम्पल नाम के कोच से मिली। विल्मा ने उन्हें अपनी यह ख्वाहिस बताई कि "मै दुनीया कि सबसे तेज धाविका बनना चाहती हूँ। "तब टेम्पल ने कहा ,"तुम्हारी इसी इच्छाशक्ति की वजह से तुम्हे कोई भी नहीं रोक पायेगा और साथ में मै भी तुम्हारी मदद करूँगा। "
 आखिर वह दिन आ गया जब विल्मा रुडोल्फ ने ओलम्पिक में हिस्सा लिया तथा उस समय की प्रसिद धाविका जुता हैन को हराकर 100 मीटर ,200 मीटर व 400 मीटर रिले रेस का गोल्ड मैडल अपने नाम किया। यह बात इतिहास के पन्नो में दर्ज हो गई कि एक लकवे कि शिकार महिला 1960 के ओलम्पिक में दुनिया की सबसे तेज धाविका बन गई।
विल्मा से हमे यह सीखना चाहिए कि कामयाब लोग कठिनाईयो के बावजूद सफलता हासिल करते हैं ,न कि तब ,जब कठिनाइया नहीं होती। इसीलिए तो कहा है कि Himamte Marda ,Madade Khuda. 

Monday, February 17, 2014

Haryanvi Admi formal nahi hote

एक बार एक लखनऊ का नवाब रोहतक के रेलवे स्टेशन पर उतरया और वो रास्ता भटक गया , उसको  एक हरियाणवी ताऊ नजर आया ,वो ताऊ के पास गया और अपने लखनवी अंदाज में झुककर बोला हुजूर आपको एक तकलीफ देनी थी ,अब हरयाणे का आदमी और वो भी जाट   फोर्मल तो होता ही नहीं ,एकदम बोल्या :दे कै देख साले का  एक मिनट में  पलसतर तार दू और यो डोगा दिख्ह सै ,यो तेरी नासा
(नाक ) में घुसेड़ दूंगा। 

Sunday, February 16, 2014

bina ticket yatra


ताऊ के पास ना थे पैसे  ही
वो बस में बैठ लिया ऐसे ही  
बस में भीड़ से हो रही थी घनिए हीट 
ताऊ को ना दीखी कोई खाली सीट 
मौसम था वो गरमी का 
ताऊ ने सोचा जमाना ना रहा नरमी का 
उसने एक मरियल से को दिया ठाकर पटक 
और उसकी सीट को लिया झपट 
थोड़ी देर में उसके सामने समस्या आगी विकट 
जब चैक होण लागी टिकट 
देख चैकर को उसके दिल की बढने लगी धड़कन 
छोड़ सीट खिडक़ी केन्या वो लाग्या सरकण 
चैकर पर थी उसकी नजर कसूती 
ढूंगे पै  टांग धोती ,हाथ में लेली जूती
इतने में चैकर आग्या और निकट 
और बोल्या ताऊ दिखा टिकट 
ताऊ बोल्या बेटा तू टिकट देखण का लारहसा दे छोड़ 
और तू देख अपणे ताऊ की दौड़ 
और ताऊ बस से कूद ,गया पत्ता तौड़