एक बार एक लखनऊ का नवाब रोहतक के रेलवे स्टेशन पर उतरया और वो रास्ता भटक गया , उसको एक हरियाणवी ताऊ नजर आया ,वो ताऊ के पास गया और अपने लखनवी अंदाज में झुककर बोला हुजूर आपको एक तकलीफ देनी थी ,अब हरयाणे का आदमी और वो भी जाट फोर्मल तो होता ही नहीं ,एकदम बोल्या :दे कै देख साले का एक मिनट में पलसतर तार दू और यो डोगा दिख्ह सै ,यो तेरी नासा
(नाक ) में घुसेड़ दूंगा।
(नाक ) में घुसेड़ दूंगा।
:-)
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