Sunday, February 23, 2014

Molad ki Yari

एक बार एक  छोरे के कपड़ो में आग लग गयी। आग बुझावण खातिर वो नहर की तरफ भाज लिया ,वहा नहर पै उसका दोस्त खड़ा था। वो उसके कपड़ो में लागग्यी आग नै देख कै बोल्या :अरै एक बै रुकिए ,जिसके कपड़ो में आग लागरी थी वो कोन्या रुक्या और नहर में कूद गया। जब उसकी आग भुझ गई तो वो बाहर लिकड़ा और अपने दोस्त तै बोल्या :तू ईब बता मन्नै क्यूँ रोकै था ?वो बोल्या : ईब के बताऊ,काम तो उसी वक्त था। वो बोल्या फेर भी बता तै सई। उसका पक्का दोस्त बोल्या जब तेरे कपड़ा मैं आग लागरी थी मन्नै उस आग तै अपनी बीड़ी सुलगानी थी।   

1 comment:

  1. हा हा हा
    ऐसे भी दोस्त हैं

    प्रणाम

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