एक बार एक छोरे के कपड़ो में आग लग गयी। आग बुझावण खातिर वो नहर की तरफ भाज लिया ,वहा नहर पै उसका दोस्त खड़ा था। वो उसके कपड़ो में लागग्यी आग नै देख कै बोल्या :अरै एक बै रुकिए ,जिसके कपड़ो में आग लागरी थी वो कोन्या रुक्या और नहर में कूद गया। जब उसकी आग भुझ गई तो वो बाहर लिकड़ा और अपने दोस्त तै बोल्या :तू ईब बता मन्नै क्यूँ रोकै था ?वो बोल्या : ईब के बताऊ,काम तो उसी वक्त था। वो बोल्या फेर भी बता तै सई। उसका पक्का दोस्त बोल्या जब तेरे कपड़ा मैं आग लागरी थी मन्नै उस आग तै अपनी बीड़ी सुलगानी थी।
Sunday, February 23, 2014
Tuesday, February 18, 2014
Himamte Marda ,Madade Khuda
विल्मा रुडोल्फ का जन्म टेनेसेसी के एक गरीब परिवार में हुआ था। चार साल की आयु में उसे डबल निमोनिया और दिमागी बुखार ने उसे गम्भीर रूप से बीमार कर दिया। इस वजह से उसके पैरों को लकवा मार गया। वह पैरों को सहारा देने के लिए ब्रेस पहना करती थी। DOCTORS ने तो यहाँ तक कह डाला कि वह जिंदगी भर चल -फिर नहीं सकेगी। लेकिन विल्मा की माँ ने उसकी हिम्मत बढ़ाई और कहा कि भगवान की दी हुई क्षमता,मेहनत और लगन से वह जो चाहे कर सकती है। यह सुनकर विल्मा रुडोल्फ ने कहा कि वह इस दुनिया की सबसे तेज धाविका बनना चाहती है। नौ साल की आयु में DOCTORS के मना करने के बावजूद विल्मा ने ब्रेस को उतारकर पहला कदम उठाया ,जबकि DOCTORS ने कहा था कि वह कभी चल नहीं पायेगी।
13 साल की होने पर उसने अपनी पहली दौड़ प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और सबसे पीछे रही। उसके बाद वह दूसरी ,तीसरी,चौथी दौड़ प्रतियोगिताओ में हिस्सा लेती रही और हमेशा आखिरी स्थान पर आती रही। यह सिलसिला तब तक चलता रहा जब तक वह प्रथम स्थान पर नहीं आ गई।
15 साल की उम्र में विल्मा रुडोल्फ नेसी स्टेट यूनिवर्सिटी गई ,जहाँ वह एड टेम्पल नाम के कोच से मिली। विल्मा ने उन्हें अपनी यह ख्वाहिस बताई कि "मै दुनीया कि सबसे तेज धाविका बनना चाहती हूँ। "तब टेम्पल ने कहा ,"तुम्हारी इसी इच्छाशक्ति की वजह से तुम्हे कोई भी नहीं रोक पायेगा और साथ में मै भी तुम्हारी मदद करूँगा। "
आखिर वह दिन आ गया जब विल्मा रुडोल्फ ने ओलम्पिक में हिस्सा लिया तथा उस समय की प्रसिद धाविका जुता हैन को हराकर 100 मीटर ,200 मीटर व 400 मीटर रिले रेस का गोल्ड मैडल अपने नाम किया। यह बात इतिहास के पन्नो में दर्ज हो गई कि एक लकवे कि शिकार महिला 1960 के ओलम्पिक में दुनिया की सबसे तेज धाविका बन गई।
विल्मा से हमे यह सीखना चाहिए कि कामयाब लोग कठिनाईयो के बावजूद सफलता हासिल करते हैं ,न कि तब ,जब कठिनाइया नहीं होती। इसीलिए तो कहा है कि Himamte Marda ,Madade Khuda.
13 साल की होने पर उसने अपनी पहली दौड़ प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और सबसे पीछे रही। उसके बाद वह दूसरी ,तीसरी,चौथी दौड़ प्रतियोगिताओ में हिस्सा लेती रही और हमेशा आखिरी स्थान पर आती रही। यह सिलसिला तब तक चलता रहा जब तक वह प्रथम स्थान पर नहीं आ गई।
15 साल की उम्र में विल्मा रुडोल्फ नेसी स्टेट यूनिवर्सिटी गई ,जहाँ वह एड टेम्पल नाम के कोच से मिली। विल्मा ने उन्हें अपनी यह ख्वाहिस बताई कि "मै दुनीया कि सबसे तेज धाविका बनना चाहती हूँ। "तब टेम्पल ने कहा ,"तुम्हारी इसी इच्छाशक्ति की वजह से तुम्हे कोई भी नहीं रोक पायेगा और साथ में मै भी तुम्हारी मदद करूँगा। "
आखिर वह दिन आ गया जब विल्मा रुडोल्फ ने ओलम्पिक में हिस्सा लिया तथा उस समय की प्रसिद धाविका जुता हैन को हराकर 100 मीटर ,200 मीटर व 400 मीटर रिले रेस का गोल्ड मैडल अपने नाम किया। यह बात इतिहास के पन्नो में दर्ज हो गई कि एक लकवे कि शिकार महिला 1960 के ओलम्पिक में दुनिया की सबसे तेज धाविका बन गई।
विल्मा से हमे यह सीखना चाहिए कि कामयाब लोग कठिनाईयो के बावजूद सफलता हासिल करते हैं ,न कि तब ,जब कठिनाइया नहीं होती। इसीलिए तो कहा है कि Himamte Marda ,Madade Khuda.
Monday, February 17, 2014
Haryanvi Admi formal nahi hote
एक बार एक लखनऊ का नवाब रोहतक के रेलवे स्टेशन पर उतरया और वो रास्ता भटक गया , उसको एक हरियाणवी ताऊ नजर आया ,वो ताऊ के पास गया और अपने लखनवी अंदाज में झुककर बोला हुजूर आपको एक तकलीफ देनी थी ,अब हरयाणे का आदमी और वो भी जाट फोर्मल तो होता ही नहीं ,एकदम बोल्या :दे कै देख साले का एक मिनट में पलसतर तार दू और यो डोगा दिख्ह सै ,यो तेरी नासा
(नाक ) में घुसेड़ दूंगा।
(नाक ) में घुसेड़ दूंगा।
Sunday, February 16, 2014
bina ticket yatra
ताऊ के पास ना थे पैसे ही
वो बस में बैठ लिया ऐसे ही
बस में भीड़ से हो रही थी घनिए हीट
ताऊ को ना दीखी कोई खाली सीट
मौसम था वो गरमी का
ताऊ ने सोचा जमाना ना रहा नरमी का
उसने एक मरियल से को दिया ठाकर पटक
और उसकी सीट को लिया झपट
थोड़ी देर में उसके सामने समस्या आगी विकट
जब चैक होण लागी टिकट
देख चैकर को उसके दिल की बढने लगी धड़कन
छोड़ सीट खिडक़ी केन्या वो लाग्या सरकण
चैकर पर थी उसकी नजर कसूती
ढूंगे पै टांग धोती ,हाथ में लेली जूती
इतने में चैकर आग्या और निकट
और बोल्या ताऊ दिखा टिकट
ताऊ बोल्या बेटा तू टिकट देखण का लारहसा दे छोड़
और तू देख अपणे ताऊ की दौड़
और ताऊ बस से कूद ,गया पत्ता तौड़
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