Monday, March 17, 2014

Kanjus Baniya

एक बनिया था बड़ा कंजूस
चाय में गिरी मक्खी को भी वो लेता था चूस
कंजूस था वो इतना चौखा
हर डील में वो बचाना चाहता था एक खोखा
चाहे देना पड़े उसे  कोई भी  धोखा
वो ढूँढता रहता था सदैव कोई मौका

पत्नी उसकी पड़ गई बीमार बहुत एक बार
बचने का नहीं था उसको ,उसका एतबार
वो उसके इलाज पर नहीं करना चाहता था बिल्कुल भी खर्चा
इसलिए वो ढूंढ रहा था डाक्टर का कोई पुराना पर्चा
अंत में जब नहीं रही उसके बचने कि आश
     वो आया अपनी पत्नी के पास 
और बोला जा रहा हूँ डाक्टर के पास
मगर जाते जाते तू मत कर जाना एक चूक
अगर तुझे लगे नहीं बचेगी तो इस जलती मोमबती को मार देना फूँक  

1 comment:

  1. हा हा हा
    बनिये ऐसे ही होते हैं
    बनिया है तो कंजूस कहने की क्या जरुरत

    प्रणाम

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