Monday, March 17, 2014

Pakka Dukandar

एक बार  दो दोस्त बेरोजगार थे। उन दोनों ने फैसला किया कि अपनी ही दुकान खोलते है। एक नै तेल की और दूसरे नै किरयाने की दुकान खोल ली। कई दिन बीत गये दोनों कि दुकान पर कोई भी गाहक ना आया तो वो आपस मै बतलाए कि तू मेरी दुकान पै गाहक बण कै आ और मै तेरी दुकान पै। पहले तेल की दुकान वाला किरयाने कि दुकान पै आकै बोल्या सेठ जी एक बोतल गुड़ दियो ,दूसरा बोल्या यार तन्नै मांगना भी नहीं आता
 तू ठीक तरिया  मांग। वो थोड़ी देर में फिर आया और बोल्या सेठ जी एक किलो गुड देना बोतल में। दूसरा बोल्या तू छोड़ अब की बार मै गाहक बण कै आयुंगा। दूसरा आकै उसको बोल्या सेठ जी एक किलो गुड देना ,तेल कि दुकान वाला जो अब किरयाने की दुकान पर बैठा था बोल्या :बोतल लाया सै 

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