एक शराबी रोज ठेके पर दारु पीवण जाया करता। वो ठेके पर जाकर तीन गिलास मांगता और तीनो गिलासों में दारु डालकर पीता ,एक दिन ठेके आले ने उस्तै पूछ्या कि तू शराब पीण तई तीन गिलास क्यूँ लिया करै। शराबी बोल्या :हम तीन भाई सां और म्हारा आपसी प्यार बहुत ज्यादा सै। जब मै तीन गिलासों में दारु घाल कर पीता हूँ तो ऐसा लगता है कि हम तीनो भाई इक्क्ठे बैठ कर दारु पीण लागरे सां। एक दिन शराबी ने जब दो गिलास मांगे तो ठेके आला उससे पुछण लाग्या के बात भाई घर में सब ठीकठाक तो है ,शराबी बोल्या :भाई कती सब ठीकठाक ,पर बात ईसी सै मन्नै तो दारु पीनी दी छोड़ और इन दो गिलासों में तो मेरे वो दो भाई पीण लागरे सै। वे दोनों पक्के बेवड़े सै ,वे दारु ना छोड़ सकते।
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