Monday, March 17, 2014

Kanjus Baniya

एक बनिया था बड़ा कंजूस
चाय में गिरी मक्खी को भी वो लेता था चूस
कंजूस था वो इतना चौखा
हर डील में वो बचाना चाहता था एक खोखा
चाहे देना पड़े उसे  कोई भी  धोखा
वो ढूँढता रहता था सदैव कोई मौका

पत्नी उसकी पड़ गई बीमार बहुत एक बार
बचने का नहीं था उसको ,उसका एतबार
वो उसके इलाज पर नहीं करना चाहता था बिल्कुल भी खर्चा
इसलिए वो ढूंढ रहा था डाक्टर का कोई पुराना पर्चा
अंत में जब नहीं रही उसके बचने कि आश
     वो आया अपनी पत्नी के पास 
और बोला जा रहा हूँ डाक्टर के पास
मगर जाते जाते तू मत कर जाना एक चूक
अगर तुझे लगे नहीं बचेगी तो इस जलती मोमबती को मार देना फूँक  

Pakka Dukandar

एक बार  दो दोस्त बेरोजगार थे। उन दोनों ने फैसला किया कि अपनी ही दुकान खोलते है। एक नै तेल की और दूसरे नै किरयाने की दुकान खोल ली। कई दिन बीत गये दोनों कि दुकान पर कोई भी गाहक ना आया तो वो आपस मै बतलाए कि तू मेरी दुकान पै गाहक बण कै आ और मै तेरी दुकान पै। पहले तेल की दुकान वाला किरयाने कि दुकान पै आकै बोल्या सेठ जी एक बोतल गुड़ दियो ,दूसरा बोल्या यार तन्नै मांगना भी नहीं आता
 तू ठीक तरिया  मांग। वो थोड़ी देर में फिर आया और बोल्या सेठ जी एक किलो गुड देना बोतल में। दूसरा बोल्या तू छोड़ अब की बार मै गाहक बण कै आयुंगा। दूसरा आकै उसको बोल्या सेठ जी एक किलो गुड देना ,तेल कि दुकान वाला जो अब किरयाने की दुकान पर बैठा था बोल्या :बोतल लाया सै 

Sunday, March 9, 2014

Bhaichara

एक शराबी रोज ठेके पर दारु पीवण जाया करता। वो ठेके पर जाकर तीन गिलास मांगता और तीनो गिलासों में दारु डालकर पीता ,एक दिन ठेके आले ने उस्तै पूछ्या कि तू शराब पीण तई तीन गिलास क्यूँ लिया  करै। शराबी बोल्या :हम तीन भाई सां और म्हारा आपसी प्यार  बहुत ज्यादा  सै।  जब मै तीन गिलासों में दारु घाल कर पीता हूँ तो ऐसा लगता है कि हम तीनो भाई इक्क्ठे बैठ कर दारु पीण लागरे सां। एक दिन शराबी ने जब दो गिलास मांगे तो ठेके आला उससे पुछण लाग्या  के बात भाई घर में सब ठीकठाक तो है ,शराबी बोल्या :भाई कती  सब ठीकठाक ,पर बात ईसी सै मन्नै तो दारु पीनी दी छोड़ और इन दो गिलासों में तो मेरे वो दो भाई पीण लागरे सै। वे दोनों पक्के बेवड़े सै ,वे दारु ना छोड़ सकते।