पत्नी चली जब अपनी सहेली के घर मनाने छुट्टी ,
पति को पास बुलाया और बड़ी जौर से डांटकर पिलाई उसको घुट्टी।
कहने लगी ,तुम हो बड़े लापरवाह सुनलो मेरी बात खोलकर कान ,
मेरे पीछे से तुम्हे रखना होगा मेरी बिल्ली का विशेष ध्यान।
और तीन -चार दिन बाद पत्नी ने फ़ोन पर पूछा कैसे की तुमने बिल्ली की खातिरदारी ,
तो पति ने तपाक से जवाब दिया: वो तो हो गई भगवान को प्यारी।
ऐसा सुनते ही पत्नी का बैठ गया दिल और आँखों से झरने लगा पाणी ,
और शिकायती लहजे में कहने लगी बड़ी कर्कस है तुम्हारी वाणी।
तुम्हारे शब्द मेरे दिल को जा रहे है चीरे ,
तुम्हे ऐसे शब्द प्रयोग करने चाहिए थे जिससे जौर का झटका लगे धीरे।
पति ने पूछा : तुम ही बताओ प्रिय मुझे कैसे शब्द प्रयोग करने चाहिए थे ,
पत्नी बोली : तुम्हे नही बोलना चाहिए था इतना सपाट क्लीन ,,
ये बात बताने में तुम्हे लगाने चाहिए थे दिन तीन।
पति बोला कैसे ? पत्नी बोली : तो सुनो
पहले दिन तुम कहते: बिल्ली आज खेल रही है छत पर
दूसरे दिन तुम कहते :बिल्ली कूद गई है छत से और तुड़वा ली है अपनी रान ,
तीसरे दिन तुम कहते : मैंने की बहुत कोशिश ,लेकिन बचा नही सका उसकी जान।
पति बोला : ठीक है प्रिय मैं आगे से रखूंगा इस बात का ध्यान।
फिर पत्नी बोली चलो छोडो इन बातो को और बताओ मेरी मम्मी जी का कैसा है हाल ?
पति बोला : प्रिय यह बात मै तुम्हे नहीं बताउंगा तत्पर ,
क्योंकि मम्मी जी आज खेल रही है छत पर।
पति को पास बुलाया और बड़ी जौर से डांटकर पिलाई उसको घुट्टी।
कहने लगी ,तुम हो बड़े लापरवाह सुनलो मेरी बात खोलकर कान ,
मेरे पीछे से तुम्हे रखना होगा मेरी बिल्ली का विशेष ध्यान।
और तीन -चार दिन बाद पत्नी ने फ़ोन पर पूछा कैसे की तुमने बिल्ली की खातिरदारी ,
तो पति ने तपाक से जवाब दिया: वो तो हो गई भगवान को प्यारी।
ऐसा सुनते ही पत्नी का बैठ गया दिल और आँखों से झरने लगा पाणी ,
और शिकायती लहजे में कहने लगी बड़ी कर्कस है तुम्हारी वाणी।
तुम्हारे शब्द मेरे दिल को जा रहे है चीरे ,
तुम्हे ऐसे शब्द प्रयोग करने चाहिए थे जिससे जौर का झटका लगे धीरे।
पति ने पूछा : तुम ही बताओ प्रिय मुझे कैसे शब्द प्रयोग करने चाहिए थे ,
पत्नी बोली : तुम्हे नही बोलना चाहिए था इतना सपाट क्लीन ,,
ये बात बताने में तुम्हे लगाने चाहिए थे दिन तीन।
पति बोला कैसे ? पत्नी बोली : तो सुनो
पहले दिन तुम कहते: बिल्ली आज खेल रही है छत पर
दूसरे दिन तुम कहते :बिल्ली कूद गई है छत से और तुड़वा ली है अपनी रान ,
तीसरे दिन तुम कहते : मैंने की बहुत कोशिश ,लेकिन बचा नही सका उसकी जान।
पति बोला : ठीक है प्रिय मैं आगे से रखूंगा इस बात का ध्यान।
फिर पत्नी बोली चलो छोडो इन बातो को और बताओ मेरी मम्मी जी का कैसा है हाल ?
पति बोला : प्रिय यह बात मै तुम्हे नहीं बताउंगा तत्पर ,
क्योंकि मम्मी जी आज खेल रही है छत पर।
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