Wednesday, January 25, 2017

JOR KA JHTKA DHIRE SE

पत्नी चली जब  अपनी सहेली के घर  मनाने  छुट्टी ,
पति को पास बुलाया और बड़ी जौर से  डांटकर पिलाई उसको घुट्टी।

कहने लगी ,तुम हो बड़े लापरवाह सुनलो मेरी बात खोलकर कान ,
मेरे पीछे से तुम्हे रखना होगा मेरी बिल्ली का विशेष ध्यान।

और तीन -चार दिन बाद पत्नी ने फ़ोन पर पूछा कैसे की तुमने बिल्ली की खातिरदारी ,
          तो पति ने तपाक  से जवाब दिया: वो तो हो गई भगवान को प्यारी।

ऐसा सुनते ही पत्नी का बैठ गया दिल और आँखों से झरने लगा पाणी  ,
और शिकायती लहजे में  कहने लगी बड़ी कर्कस है तुम्हारी वाणी।

                            तुम्हारे शब्द मेरे दिल को जा रहे है चीरे ,
तुम्हे ऐसे शब्द प्रयोग करने चाहिए थे जिससे जौर का झटका लगे धीरे।

पति ने पूछा : तुम ही बताओ प्रिय  मुझे कैसे शब्द प्रयोग करने चाहिए थे ,
पत्नी बोली : तुम्हे नही बोलना चाहिए था इतना सपाट क्लीन ,,
            ये बात बताने में तुम्हे लगाने चाहिए थे दिन तीन।

                पति बोला कैसे ?  पत्नी बोली : तो सुनो

पहले दिन तुम कहते: बिल्ली आज खेल रही है छत पर
दूसरे दिन तुम कहते :बिल्ली कूद गई है छत से और तुड़वा ली है अपनी रान   ,
तीसरे दिन तुम कहते : मैंने की बहुत कोशिश ,लेकिन बचा नही सका उसकी जान।

          पति बोला : ठीक है प्रिय  मैं आगे से रखूंगा इस बात का ध्यान।
फिर पत्नी बोली चलो छोडो इन बातो को और बताओ मेरी मम्मी जी का कैसा है हाल ?

पति बोला : प्रिय यह  बात मै तुम्हे नहीं बताउंगा तत्पर ,
      क्योंकि मम्मी जी आज खेल रही है छत पर।

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